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Sunday, August 7, 2011

आज कल दिन में क्या नहीं होता ???????

कोई काँटा चुभा नहीं होता
दिल अगर फूल सा नहीं होता 
कुछ तो मजबूरियाँ रही होंगी
यूँ कोई बेवफ़ा नहीं होता
गुफ़्तगू उन से रोज़ होती है
मुद्दतों सामना नहीं होता
जी बहुत चाहता सच बोलें
क्या करें हौसला नहीं होता
रात का इंतज़ार कौन करे
आज कल दिन में क्या नहीं होता   ????????????//


surendra thakur
A-gyaniji

9727740048